मशहूर अखबार गार्जियन की रिपोर्टर: भगवा संगठनों ने भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार किया

लेखक- डॉ जे उस्मानी
संपादक
गोल्डन टाइम्स

भगवा संगठनों ने जिस तरह भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार किया है उस की मिसाल मिलना मुश्किल है। पिछले जुमे को गुड़गांव में जुमे की नमाज़ के ववत भगवाधारियों ने नमाज़ में ख़लल डालने के लिये जो कुछ किया उस की गूंज विदेशों तक सुनाई दे रही है।
गुर गांव के सेक्टर 37 में नमाज़ ए जुमा के मौके पर वहाँ पर मौजूद लंदन के मशहूर अखबार गार्जियन की रिपोर्टर बेयता पियटरसन ने भगवाधारियो की सारी गुंडागर्दी को अपनी आंखों से देखा और उस पर एक रिपोर्ट तैयार कर गार्जियन अखबार में प्रकाशित की। इस से पहले उन्होंने एक ट्वीट किया जिस में उन्होंने लिखा कि “नया शहर पुराना तनाज़ा- भारत का आधुनिक शहर पिछले कई महीनों से हर जुमे को धार्मिक जंग के मैदान में बदल जाता है। सेक्टर 37 के धूल भरे कार पार्क में आज जो कुछ हुआ उसे मैं कभी भूल नही सकती हूं।

गार्जियन अखबार की रिपोर्टर पीटरसन ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें उन्होंने लिखा है कि सेक्टर 37 के पुलिस स्टेशन के सामने मौजूद कार पार्क की धूलमिट्टी और कंक्रीट पिछले कुछ दिनों से एक मज़हबी जंग में तब्दील हो चुका है। पिटरसन लिखती है कि जुमे के रोज़ 37 में भगवा संगठनों के लोग इकट्ठा होते है और वो जय श्री राम और भारत माता की जय के नारेबाजी करते रहे। फिर कोई चीख कर कहता है कि ये ही मुसलमान है और फिर भीड़ ने मारपीट शुरू कर दी। ये उस 100 जगहों में से एक है जहाँ मुसलमान पिछले कई सालों से नमाज़ पड़ते आ रहे है। पीटरसन लिखती है कि आमतौर पर नमाज़ मस्जिदों में होती है। लेकिन यहाँ 15 लाख से ज़्यादा की आबादी की वजह से जगह की कमी है।

जब मुसलमान इस इलाके में आ कर बसे थे तो यहाँ कोई मस्जिद नही थी जिस की वजह से लोग खुली जगहों पर जुमे की नमाज़ करने आते थे। 2018 में प्रशासन ने मुसलमानों को 37 जगह अलाट की थी जहाँ वे नमाज़ अदा कर सकते थे। लेकिन भगवा संगठनों के विरोध के बाद खुली जगहों 20 कर दी गई है। खुली जगह पर नमाज़ पढ़ने मुसलमानो की मजबूरी है। उनके पास कोई और रास्ता नही है।

पीटरसन ने जो जुमे के दिन देखा वो अपने आर्टिकल में लिखती है कि “जुमे की नमाज़ पढ़ने आये इमाम शहजाद खान के एक भगवाधारी आ कर खड़ा हो जाता है और उनका रास्ता रोक लेता है। और कहता है कि यहाँ नमाज़ नही होगी। ये वे ही शख्स है जिसे इस से पहले पोलिस 10 बार हिरासत में ले चुकी है। पीटरसन लिखती है कि 5 पुलिस वाले वो को खींच कर ले जाते है। इस के बाद मुसलमानो ने सब्र का साथ नमाज़ अदा की।