Wednesday, May 28, 2025
spot_img
Homeउत्तराखंडहाईकोर्ट के सरकार को निर्देश...नदी, नालों व गधेरों में अतिक्रमण हटाकर लगाएं...

हाईकोर्ट के सरकार को निर्देश…नदी, नालों व गधेरों में अतिक्रमण हटाकर लगाएं सीसीटीवी कैमरे

नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि नदी, नालों व गधेरों में जहां-जहां अतिक्रमण हुआ है उसे हटाया जाए और उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इन्हें वैसे ही मैनेज किया जाए जैसे सड़कों के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों को किया जाता है।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह निर्देश देहरादून में जल धाराओं, जल स्रोत्रों, पर्यावरण संरक्षण सहित नदियों पर मंडरा रहे खतरे और पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायर तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के दौरान दिए। अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

पूर्व के आदेश पर राज्य सरकार के प्रमुख वन सचिव, सचिव शहरी विकास और राजस्व विभाग के सचिव कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। सचिव वन ने कोर्ट को अवगत कराया कि अभी तक पूर्व के आदेशों का किन्हीं कारणों से अनुपालन नहीं हो सका है। इसलिए कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए संबंधित विभागों को चार हफ्ते का समय दिया जाए क्योंकि अभी वित्तीय वर्ष का अंतिम सप्ताह चल रहा है।

इस पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने उन्हें तीन हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने के साथ स्वयं भी वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि नदी, नालों व गधेरों में जहां अतिक्रमण के मामले आते हैं वे संबंधित एसएचओ को आदेश दें कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट पेश करें।

कोर्ट ने सचिव शहरी विकास से भी कहा कि वे प्रदेश के नागरिकों में एक संदेश प्रकाशित करें कि नदी नालों व गधेरों में अतिक्रमण, मलबा व अवैध खनन ना करें जिसकी वजह से मानसून सीजन में उन्हें किसी तरह की दुर्घटना न हो। इसका व्यापक प्रचार प्रसार करें।
देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल व उर्मिला थापर ने हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून में सहस्त्रधारा में जलमग्न भूमि में भारी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं जिससे जल स्रोतों के सूखने के साथ पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है। दूसरी याचिका में कहा गया कि ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहां अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, डोईवाला में 15 एकड़ करीब नदियों की भूमि पर अतिक्रमण है। खासकर बिंदाल व रिस्पना नदी पर।
spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments