मेरे द्वारा जो सवाल किया गया था उस पर जॉन अब्राहम झूठ बोल रहे हैं
जो सवाल किया गया था उस पर जॉन अब्राहम झूठ बोल रहे हैं
शिब्ली रामपुरी
(विशेष संवाददाता, गोल्डन टाइम्स)
वैसे तो जब किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई पत्रकार सवाल करता है वह सवाल तीखा होता है तो उसका जवाब जिस भी ढंग से दिया जाए बात वहीं समाप्त हो जाती है मगर जिस तरह से बॉलीवुड के एक्टर जॉन अब्राहम ने वेदा फिल्म के ट्रेलर लॉन्चिंग के दौरान मेरे द्वारा पूछे गए सवाल का वहां पर जिस तरीके से जवाब दिया था और लोगों ने उस पर बाद में नाराजगी भी जताई थी अब उसके करीब एक सप्ताह के बाद जॉन अब्राहम ने एक इंटरव्यू में यह कहा है कि दरअसल उस पत्रकार को वहां पर इसीलिए बुलाया गया था कि वह सवाल ही मुझसे ऐसे करे जिससे मुझे गुस्सा आ जाए और वही हुआ वह पत्रकार जीत गया और मैं हार गया.
इस इंटरव्यू में जॉन अब्राहम ने यह भी कहा कि मैं हार गया मगर वह पत्रकार नहीं जीता तो इस तरीके की बातें करके जॉन अब्राहम ने मुझ पर जो आरोप लगाया है कि मुझे किसी ने कहा था कि जॉन अब्राहम से मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सवाल करूं तो मैं इसके जवाब में यह आर्टिकल लिख रहा हूं.
अभिनेता जॉन अब्राहम एक अच्छे एक्टर हैं कई सुपरहिट फिल्में उन्होंने दी है मैंने खुद उनकी कई फिल्में देखी हैं और मुझे उनकी कई फिल्में पसंद भी आई लेकिन जिस तरह से वह लगातार एक ही तरह का एक्शन कर रहे हैं सवाल उसको लेकर था बात खत्म हो गई थी लेकिन अब जॉन अब्राहम ने यह बेबुनियाद आरोप लगा दिया कि मुझसे किसी ने वह सवाल कराया था तो मैं यह कहना चाहता हूं कि जॉन साहब वह सवाल दरअसल इतना दमदार भी नहीं था कि कोई मुझसे कहे कि मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाऊं और वहां पर मैं आपसे ऐसा सवाल करूं मैं नहीं समझता कि उस सवाल में ऐसा कुछ था लेकिन आप पर जवाब देना नहीं आया यदि आप सही तरह से जवाब देते तो मीडिया में आपकी इस तरह आलोचना न होती जिस तरह देखने को मिल रही है.
जो इंटरव्यू आपने अभी दिया है उसमें आप यह भी कहते हैं कि अब भारत में इंटरटेनमेंट पत्रकारिता कहां रह गई है तो यह कहना भी आपका गलत है कि अब फिल्मी पत्रकारिता नहीं रह गई है दरअसल जो लोग मुंबई में आयोजित फिल्मी इवेंट में जाते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाते हैं जहां स्टार्स होते हैं तो वहां पर बहुत सारे ऐसे पत्रकार होते हैं कि वह सवाल नहीं कर पाते और आप यह समझ बैठे हैं कि अब फिल्मी पत्रकारिता नहीं रह गई है तो आज भी बॉलीवुड में ऐसे ऐसे फिल्मी पत्रकार हैं कि यदि वह सवाल करने पर आ जाएं तो सामने वाले को जवाब देने में कई बार सोचना पड़ेगा. जॉन अब्राहम ने इस इंटरव्यू में पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठ बोला है और यह आरोप सरासर गलत है कि कोई सवाल पूछने के लिए कहेगा तो ऐसी पत्रकारिता तो हम करते नहीं है कि कोई हमसे कहे यह सवाल जाकर उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जॉन से करना तो जॉन नाराज़ हो जायेंगे और भड़क उठेंगे. जॉन अब्राहम के ऐसा करने से भला किसी को क्या लाभ होगा?
शायद जॉन अब्राहम इसे ही फिल्मी पत्रकारिता समझते हैं कि सामने बैठे स्टार्स की खूब तारीफ करते रहिए और कोई सवाल मत करिए?