उत्तराखंड

ईद ए मिलादुन्नबी के मौके पर शांति और भाईचारे का दिया पैगाम

मदरसा दारूल उलूम कादरिया साबरिया बरकाते रज़ा द्वारा निकाला गया जुलूस

ईद ए मिलादुन्नबी के मौके पर शांति और भाईचारे का दिया पैगाम

कलियर शरीफ (आरिफ नियाज़ी) विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर साहब का 756 वा सालाना उर्स बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है आज ईद ए मिलादुन्नबी के मौके पर जहां पूरी दुनिया के मुसलमान इस दिन को बड़े धूमधाम के साथ मना रहे हैं वहीं कलियर शरीफ स्थित मदरसा दारूल उलूम कादरिया साबरिया बरकाते रज़ा द्वारा आज विशाल जुलूस निकाला गया जिसमें आपसी भाईचारे सौहार्द और शांति का पैगाम दिया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंद लोग पहुंचे थे ।हाथों में इस्लामिक झंडे लेकर अरबी मदरसे के छात्र और अकीदतमंद नात और नज़्म पढ़ते हुए दरगाह अब्दाल शाह में हाजिर होते हुए साबिर साहब की दरगाह में पहुंचे जहां उन्होंने चादर और फूल पेश किए।इस मौके पर मदरसा दारूल उलूम कादरिया साबरिया बरकाते रज़ा के प्रबंधक मौलाना गुलाम नबी नूरी ने कहा की आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है इस दिन मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं नए नए पकवान बनाते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। उन्होंने कहा की आज ईद ए मिलादुन्नबी के मौके पर पूरी दुनिया के मुसलमानों में जश्न और उत्साह का माहौल है।नूरी ने कहा की वह हर साल आज के दिन साबिर साहब की दरगाह पर चादर और फूल पेश कर देश और प्रदेश की अमन सलामती की दुआएं करते हैं।उन्होंने कहा की साबिर साहब ने भी पूरी दुनिया को आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया आज साबिर पाक के लाखों दीवाने दरगाह पर आकर इस मुल्क की तरक्की और खुशहाली की दुआएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा की साबिर की दरगाह से हमेशा भाईचारे और प्यार मोहब्बत का संदेश जाता है आज देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में जायरीन कलियर पहुंचे हैं माना यह भी जाता है की जो भी साबिर पाक की दरगाह में मन्नत मुरादें लेकर पहुंचते हैं उनकी वह जरूर पूरी होती हैं।उन्होंने कहा की जगह जगह हुजूर की शान में मिलाद शरीफ और नात शरीफ के जरिए उनकी तारीफ बयान की जा रही हैं।मौलाना गुलाम नबी नूरी ने कहा की कलियर स्थित उनका मदरसा छात्रों को दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम भी दे रहा है उत्तराखंड का पहला मदरसा है जिसमें उर्दू अरबी फारसी के साथ साथ गणित विज्ञान ,अंग्रेजी जैसे विषयों को भी पढ़ाया जाता है।इस मौके पर बड़ी संख्या में बाहर से आए जायरीन और मुंबई से सुहैल लुकाडिया, मुफ्ती शमीम,मौलाना जाहिद रजा रिजवी, इमरान मलकानी और कारी इस्माईल मौजूद रहे।

Message of peace and brotherhood given on the occasion of Eid-e-Miladunnabi

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