Articale

विपक्षी पार्टियों से मायूस हो चुके हैं मुसलमान?

विपक्षी पार्टियों से मायूस हो चुके हैं मुसलमान?

शिब्ली रामपुरी

 

शिब्ली रामपुरी

         इसी साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा के कई नेताओं समेत ऐसे काफी लोग हैं जो यह कहते हैं कि भाजपा की सरकार में मुसलमानों को भी बहुत सारी सुविधाएं दी गई लेकिन अफसोस की बात है कि उन्होंने इतना कुछ मिलने के बाद भी भाजपा को वोट नहीं दिया?
           वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल हैं कि जिन्होंने लोकसभा चुनाव में मुसलमानों से बहुत सारे वायदे किए और मुसलमानों ने उनको झोली भर भर कर वोट दिया सत्ता तक तो वो नहीं पहुंचे लेकिन एक मजबूत विपक्ष बनकर सामने आए. विपक्षी पार्टियों में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का प्रमुख तौर पर नाम लिया जा सकता है तो वहीं देश के विभिन्न राज्यों में कांग्रेस पार्टी को मुसलमानों ने बहुत वोट दिया और कांग्रेस पार्टी अपने सबसे खराब दौर से निकलने में बहुत हद तक मुस्लिम वोटो की बदौलत कामयाब हो सकी.
जहां तक मुसलमानों पर यह आरोप लगाने की बात है कि भाजपा सरकार में उनको बहुत सारी सुविधाएं मिली है लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया तो यह आरोप बेबुनियाद है क्योंकि जब किसी भी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो वह सब के हित के लिए काम करती है भले ही उसको किसी समाज का वोट मिला या नहीं मिला दूसरी बात देश में बहुत सारी ऐसी जगह हैं कि जहां पर मुसलमानों का वोट बीजेपी को मिला है.
            भाजपा पर तो विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि वह मुसलमानों को पॉलिटिक्स से लेकर आर्थिक तौर पर मजबूत करना नहीं चाहती लेकिन खुद विपक्षी पार्टियां क्या कर रही हैं आज ऐसे बहुत सारे मुद्दे मुसलमानों के सामने आते हैं लेकिन उस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मौजूदा सांसद एवं विपक्ष नेता राहुल गांधी खामोशी इख़्तियार कर लेते हैं या बहुत देर से बोलते हैं. ऐसे में यह बात काफी हद तक सही लगती है कि इन विपक्षी पार्टियों से देश का मुसलमान मायूस हो चुका है क्योंकि यह चुनावी वक्त में तो मुसलमानों के विकास की बात करती हैं लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद कामयाबी हासिल होते ही मुसलमानों को नजर अंदाज कर दिया जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *