राष्ट्रीय

यूनिफॉर्म सिविल कोड -हिमायत और विरोध

शिब्ली रामपुरी

लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भाजपा सरकार देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी में है और इसी के चलते विधि आयोग द्वारा सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. जिससे माना जा रहा है कि भाजपा के प्रमुख मुद्दों में शामिल एक मुद्दा समान नागरिक संहिता लोकसभा चुनाव से पहले ही देश में लागू हो सकता है.

भाजपा सरकार से लेकर बहुत सारे लोग समान नागरिक संहिता को बेहद हितकारी बता रहे हैं तो वहीं देश के मुस्लिम संगठनों की ओर से इसका विरोध भी आरंभ हो चुका है. देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा हिंद ने इसका विरोध किया है और कहा है कि यह हमारे मजहब में दखलअंदाजी है हम इसे कतई मंजूर नहीं करेंगे. हाल ही में जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्पष्ट शब्दों में यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करते हुए कहा कि हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे लेकिन सड़कों पर उतर कर इसका विरोध हम नहीं करेंगे किसी भी सियासी दल को इस मुद्दे पर राजनीति करने का मौका नहीं दिया जाएगा तो दूसरी ओर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कहा है कि समान नागरिक संहिता के हम किसी भी तरह से पक्ष में नहीं हैं.

हालांकि जिस तरह से विधि आयोग द्वारा सुझाव आमंत्रित किए गए हैं उससे यह कहना अभी जल्दबाजी ही होगी कि जो समान नागरिक संहिता देश में लागू करने की बात भाजपा सरकार कर रही है वह कैसा होगा उसमें क्या-क्या प्रावधान होंगे और उससे मुसलमानों के मुस्लिम लॉ से जुड़े कौन-कौन से मुद्दे सबसे अधिक प्रभावित होंगे.

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