उत्तराखंड

राज्य के विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने उठाई आवाज़, प्रदेश भर में आंदोलन का एलान

नफरत नहीं, रोज़गार चाहिए, सद्भावना, कानून का राज चाहिए

2 जुलाई हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में उत्तराखंड के विभिन्न जन संगठनों, राजनीतिक दलों और जन मुद्दों से जुड़े हुए लोगों के द्वारा राज्य में कौमी एकता को कायम करने हेतु सद्भावना सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सद्भावना सम्मेलन के आरम्भ में वक्ताओं और उपस्थित प्रतिभागियों ने “हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जिंदाबाद” और “क़ौमी एकता जिंदाबाद” के नारे लगाए गए। “नफरत नहीं, रोज़गार दो”, “संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ,” जैसे नारों के साथ गांधीवादी और इंसानियत पसंद संगठनों की पहल पर आयोजित इस सम्मेलन में कांग्रेस, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, CPI, CPI (M), CPI(ML), AAP और अन्य दलों के प्रतिनिधियों के साथ जन संगठनों के प्रतिनिधि एवं सैकड़ों आम लोग एकत्र हुए।

सम्मेलन के प्रारम्भ में अम्बेडकर मिशन के जीआर आर्या ने सभी प्रतिभागियों को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलवाई। सद्भावना समिति के भुवन पाठक ने इस सम्मेलन की आवश्यकता को सदन के सम्मुख रखा। राज्य में लगातार आपराधिक तरीकों द्वारा धर्म के आधार पर निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के खिलाफ और अल्पसंख्यक एवं दलित समुदाय पर बड़ते हुई अत्याचार की निंदा करते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि सरकार राज्य में कानून का राज फिर स्थापित कर जनहित की नीतियां, जैसे रोज़गार की योजनाएं, वन अधिकार कानून, इत्यादि पर काम करे। कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जोशीमठ की त्रासदी से ले कर अंकिता हत्याकांड तक, राज्य के सब तबके असुरक्षित हैं। लेकिन सरकार सिर्फ नफरती और सांप्रदायिक प्रचार कर रही है। CPI(ML) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि “लव जिहाद” और “लैंड जिहाद” जैसे शब्दों द्वारा अपराधों को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है, जबकि इन बातों का न कोई सबूत है और न ही कोई डाटा; और बहुत ऐसी घटनाएं झूठी भी साबित हो गयी हैं। उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने कहा कि राज्य की इतिहास और संस्कृति में यह नफरत कभी नहीं रही जिसको आज कल झूठों के आधार पर फैलाया जा रहा है।
सद्भावना सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा शासन में हर वर्ग को खतरे में बताते हुए इसके खिलाफ हर मोर्चा खोलने की अपील की। सम्मेलन में कांग्रेस नेता करन मेहरा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा का अभियान मदरसे से शुरू होकर मजार से करते हुए भाजपा अब देश के संविधान के लिए भी खतरा बन चुकी है। आज प्रदेश में थारू-बुक्सा, अनुसूचित जाति सहित हर वर्ग खतरे में है। सात सौ किसानों की मौत पर चुप्पी साधने वाली सरकार अपने एक सांसद को जेल जाने से बचाने के लिए पद्मश्री पहलवानों को सड़क पर घसीटने से भी बाज नहीं आ रही है। देश की बेटियां भी खतरे में हैं। पूरा जोशीमठ खतरे में है। सिर छिपाने की झोंपड़ी तक को अतिक्रमण बताकर गरीबों को उजाड़ा जा रहा है। जबकि जो मोदी के मित्र हजारों करोड़ों का गबन कर देश से भाग चुके हैं, उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी और गांधी को मारने वाली विचारधारा के लोग जब तक सत्ता में रहेंगे, तब तक देश में कुछ भी अच्छा होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। आज केवल सामाजिक धार्मिक भाई-चारे को ही नहीं, देश के संविधान को ही नष्ट किया जा रहा है

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष PC तिवाड़ी ने कहा कि सरकार के कदमों में लगातार धार्मिक भेदभाव दिख रहा है, जिसके द्वारा ऐसा माहौल खड़ा करने की कोशिश की जा रही है जहाँ सरकार राज्य के सारे संसाधन बड़ी पूंजीपतियों को बेच सके।

उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले नफ़रती तत्वों की साज़िश को बेनकाब किया जाएगा। नफरती चिंटू संविधान बदलने की बात कर रहे हैं लेकिन वो संविधान बदल नहीं सकते। उन्होंने सेट स्पीच और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मामलों की पैरवी करने के लिए एक लीगल फोरम बनाकर अदालती कार्रवाई करने की ज़रूरत बताई।

सम्मेलन में आयोजकों ने तय किया कि इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस के अवसर 25 जुलाई को उनके गांव जौल में तमाम संगठनों के प्रतिनिधि आम नागरिकों के साथ प्रजातंत्र दिवस को मनाएंगे। उस दिन ऐसे ही कार्यक्रम प्रदेश भर में भी आयोजित किये जायेंगे। फिर भारत छोडो आंदोलन की बरसी 9 अगस्त को देहरादून में इन्ही मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा और प्रदेश भर में आवाज़ उठायी जाएगी। इस बीच में नफरत नहीं, रोज़गार दो के मुद्दे पर प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जायेगा।

सम्मेलन को हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, CPI के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य समर भंडारी, CPI(M) के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, क्रन्तिकारी लोक संगठन के PP आर्य, पीपल्स साइंस मूवमेंट के विजय भट्ट, SFI के हिमांशु चौहान, रचनात्मक महिला मंच के अजय जोशी, वरिष्ठ आंदोलनकारी बच्ची सिंह बिष्ट, वन गुज्जर ट्राइबल युवा संगठन के मोहम्मद इशाक, सरताज आलम, कांग्रेस के जिला सचिव सुहैल सिद्दीकी, अम्बेडकर मिशन के जीआर टम्टा, एम एल पार्टी के बहादुर सिंह जग्गी, सहित अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया। सद्भावना समिति उत्तराखंड के भुवन पाठक और वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया और उत्तराखंड महिला मंच की उमा भट्ट ने अध्यक्षता की।
इस सद्भावना सम्मेलन में सरकार द्वारा सर्व सेवा संघ परिसर पर कब्जा के भवनों पर बुलडोजर चलाने की कोशिश की भी निंदा की गई।

उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन ने सम्मेलन में अपने अध्यक्षीय भाषण में इस दौर में भाजपा शासित राज्यों में नफरती एजेंडे बढ़ाने के लिए लव जिहाद का फर्जी हव्वा खड़ा करने और बुलडोजर से ध्वंस करने के मनोविकार पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति कानून राज के खिलाफ है और इसका प्रयोग सत्ता अपने विरोधियों को कुचलने दबाने के लिए कर रही है।
हम देश भर के गांधी जन इसके खिलाफ उठ गए हैं और इसका प्रतिरोध करते रहेंगे। सम्मेलन में सर्व सेवा संघ परिसर को सरकारी विध्वंस करने की कोशिश की निंदा की गई। और सर्व सेवा संघ परिसर को बचाने के लिए किए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया गया।

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