राष्ट्रीय

शादियों में फिजूलखर्ची करो बंद और खोलो लड़के लड़कियों के स्कूल कॉलेज

ऐसे स्कूल कॉलेज बनाओ कि हिंदू भाई भी अपने बच्चों को वहां पर पढ़ाना अच्छा समझें

मुंबई (शिब्ली रामपुरी) लड़के और लड़कियों के लिए अलग स्कूल -कॉलेज खोले जाने को वक़्त की बड़ी ज़रूरत बताते हुए जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आज मुसलमानों का हाल यह है कि वह शादी ब्याह में करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं लेकिन क़ौम की परेशानी का उनको ख्याल नहीं है.

जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आज एक समस्या की बात की जा रही है कि अपने मजहब को छोड़कर कुछ लड़कियां दूसरे मजहब में जा रही हैं तो मै इस पर यह कहता हूं कि मजहब ऐसी चीज नहीं है कि आदमी जब चाहे इसे छोड़ दे.
जहां तक यह समस्या है तो इसके लिए मुसलमानों को ऐसे स्कूल और कॉलेज खोलने होंगे कि जिसमें लड़कियों को अलग पढ़ाने की व्यवस्था हो और लड़कों के लिए अलग स्कूल-कॉलेज हो और वहां पर मेयारी शिक्षा की व्यवस्था हो. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वह लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग ऐसे स्कूल कॉलेज खोलें कि जिसकी शिक्षा को देखकर हिंदू भाई भी अपनी लड़कियों अपने बच्चों को वहां पर पढ़ाना गर्व की बात समझें. उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल कॉलेज खोले जाने चाहिए और यदि मुसलमान शिक्षा के क्षेत्र में मेहनत करेगा तो ऐसा नहीं है कि इस तरीके की समस्याएं दूर नहीं होंगी. उन्होंने कहा कि जब लड़कियों के लिए अलग स्कूल-कॉलेज होंगे तो वह किसी भी तरह से गुमराह नहीं हो सकती हैं लेकिन यह तभी मुमकिन होगा जब सभी मुसलमान शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और शादी ब्याह में फिजूलखर्ची नहीं करेंगे और वह पैसा मुसलमानों की बेहतरी के लिए लगाया जाना चाहिए. जमीन अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की इस बात का वहां मौजूद लोगों ने जोशीले अंदाज़ में समर्थन किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *