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इस्लाम ने उस आतंकवाद को मिटाया जो बेटियों को पैदा होते ही जिंदा कर देता था दफन

मुंबई के आजाद मैदान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सुन्नी इजतेमा का आयोजन

मुंबई(शिब्ली रामपुरी) मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित इजतेमा में मुस्लिम उलेमा ने कहा कि इस्लाम धर्म हमेशा अमन और आपसी भाईचारे का संदेश देता है. इस्लाम ने महिलाओं को वह सम्मान दिया कि जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी यह इस्लाम की खूबसूरती ही है कि उसने वह आतंकवाद खत्म कर दिया कि जो बेटियों को पैदा होते ही उनको जिंदा दफन कर देता था.

सुन्नी दावते इस्लामी की ओर से आजाद मैदान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सुन्नी इजतेमा में मशहूर विद्वान मौलाना शाकिर अली नूरी ने कहा कि इस्लाम से पहले बेटियों के पैदा होने पर उनको घरवाले जिंदा दफन कर दिया करते थे इस्लाम ने इस आतंकवाद को ही खत्म कर दिया और महिलाओं को वह अधिकार दिलाया कि जो कभी दुनिया में किसी ने उसकी कल्पना तक नहीं की होगी.

उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म के बारे में जो गलतफहमियां हैं वह पूरी तरीके से दूर होनी चाहिए क्योंकि इस्लाम अमन और भाईचारे का संदेश देता है वह आपस में दिलों को जोड़ता है और हर तरीके की नफरत को मिटाता है.

उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वह ऐसे लिबास पहने कि जिससे शरीर की नुमाइश ना हो इस तरीके के लिबास से परहेज किया जाना चाहिए.शिक्षा की अहमियत पर विस्तार से रोशनी डालते हुए मुस्लिम उलेमा द्वारा बताया गया कि शिक्षा हर किसी के लिए बहुत जरूरी है हमारे बच्चों के साथ-साथ बच्चियों को भी बेहतर से बेहतर शिक्षा हासिल करनी चाहिए दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी जरूरी है.

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